रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा के बचने के एक असरदार कवच की तरह काम करता है। कुछ लोग नकारात्मक शक्ति का इस्तेमाल करके दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह अपने आप में एक अलग विज्ञान है। अथर्व वेद में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है कि कैसे ऊर्जा को अपने फायदे और दूसरों के अहित के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। अगर कोई इंसान इस विद्या में महारत हासिल कर ले, तो वह अपनी शक्ति के प्रयोग से दूसरों को किसी भी हद तक नुकसान पहुंचा सकता है, यहां तक कि दूसरे की मृत्यु भी हो सकती है। इन सभी स्थितियों में रुद्राक्ष कवच की तरह कारगर हो सकता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे सुरक्षित विकल्प है जो हर किसी – स्त्री, पुरुष, बच्चे, हर किसी के लिए अच्छा माना जाता है। यह सेहत और सुख की दृष्टि से भी फायदेमंद हैं, जिससे रक्तचाप नीचे आता है और स्नायु तंत्र तनाव मुक्त और शांत होता है।
ऐसे में, उसके बगल में बैठे होने की वहज से, उस शक्ति का नकारात्मक असर आप पर भी हो सकता है। यह ठीक वैसे ही है कि जैसे किसी सडक़ पर दो लोग एक-दूसरे पर गोली चला रहे हैं, लेकिन गोली गलती से आपको लग जाती है। भले ही गोली आप पर नहीं चलाई गई, फिर भी आप जख्मी हो सकते हैं, क्योंकि आप गलत वक्त पर गलत जगह पर मौजूद थे। हालांकि इस सबसे डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन रुद्राक्ष ऐसी किसी भी परिस्थिति से आपकी रक्षा करता है।
गुरु एक ही रुद्राक्ष को अलग-अलग लोगों के लिए अलग-तरह से जागृत करता है। परिवार में रहने वाले लोगों के लिए रुद्राक्ष अलग तरह से प्रतिष्ठित किए जाते हैं। अगर आप ब्रह्मचारी या संन्यासी हैं, तो आपके रुद्राक्ष को दूसरे तरीके से ऊर्जित किया जाएगा। ऐसा रुद्राक्ष सांसारिक जीवन जी रहे लोगों को नहीं पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर 21-मुखी तक होते हैं, जिन्हें अलग-अलग प्रयोजन के लिए पहना जाता है। इसलिए बस किसी भी दुकान से कोई भी रुद्राक्ष खरीदकर पहन लेना उचित नहीं होता। हालांकि पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे सुरक्षित विकल्प है जो हर किसी – स्त्री, पुरुष, बच्चे, हर किसी के लिए अच्छा माना जाता है। यह सेहत और सुख की दृष्टि से भी फायदेमंद हैं, जिससे रक्तचाप नीचे आता है और स्नायु तंत्र तनाव मुक्त और शांत होता है।

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